Majhi Ladki Bahin Yojana – अगर आप महाराष्ट्र की रहने वाली हैं और ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ का लाभ ले रही हैं, तो आपके लिए एक और बड़ी खुशखबरी है। वैसे तो इस योजना के तहत हर महीने महिलाओं के खाते में सीधे पैसे जमा होते हैं, लेकिन अब सरकार ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नई योजना शुरू कर दी है। इस नई पहल का नाम है – पिंक ई-रिक्शा योजना।
पिंक ई-रिक्शा योजना की शुरुआत
इस नई योजना का शुभारंभ नागपुर से हुआ है, जहां पहले चरण में 2000 महिलाओं को पिंक ई-रिक्शा वितरित किए जा रहे हैं। आगे चलकर यह योजना राज्य के आठ जिलों – पुणे, नाशिक, कोल्हापुर, अमरावती, सोलापुर, छत्रपति संभाजीनगर, अहिल्यानगर और नागपुर में लागू की जाएगी। कुल मिलाकर 10 हजार जरूरतमंद महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलने वाला है।
सरकार का मकसद क्या है?
इस स्कीम का मकसद साफ है – महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें सुरक्षित परिवहन का साधन देना। खासकर उन महिलाओं के लिए जो खुद का रोजगार शुरू करना चाहती हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाती हैं। ई-रिक्शा मिलने से न सिर्फ उन्हें खुद का काम मिलेगा, बल्कि वो दूसरी महिलाओं को भी सुरक्षित यात्रा का विकल्प दे सकेंगी।
कितना खर्च आएगा और कौन देगा पैसा?
अब सवाल उठता है कि क्या ये रिक्शा मुफ्त मिलेंगे? तो इसका जवाब है – नहीं, लेकिन इसमें सरकार भरपूर मदद कर रही है। रिक्शा की कुल लागत में से 20 प्रतिशत राशि सरकार खुद दे रही है यानी सब्सिडी दे रही है। 10 प्रतिशत महिला को खुद जमा करनी होगी और बाकी बची 70 प्रतिशत राशि पर उन्हें आसान ब्याज दर पर लोन मिलेगा। इस तरह बिना ज्यादा बोझ उठाए महिलाएं अपना खुद का वाहन और रोजगार शुरू कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का क्या कहना है?
इस कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जैसे महिलाएं अपने घर को बड़ी समझदारी से संभालती हैं, वैसे ही अब वे अपना छोटा बिजनेस भी बहुत अच्छे से चला सकती हैं। ई-रिक्शा चलाना कोई मुश्किल काम नहीं है, और अब जब महिलाएं खुद अपने वाहन की मालिक होंगी, तो उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
उन्होंने ये भी साफ किया कि यह रिक्शा महिलाएं चलाएंगी और प्राथमिकता महिला सवारियों को दी जाएगी, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि पुरुष इसमें सफर नहीं कर सकते। ये एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का साधन होगा, लेकिन महिलाओं द्वारा ऑपरेट किया जाएगा।
क्या ये योजना सिर्फ शहरों के लिए है?
नहीं, यह योजना सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं है। सरकार की योजना है कि इसे छोटे शहरों और कस्बों तक भी पहुंचाया जाए, ताकि वहां की महिलाएं भी इसका फायदा उठा सकें। जो महिलाएं गांवों में रहती हैं, और रोज़गार के लिए कोई स्थायी साधन नहीं है, उनके लिए ये एक बेहतरीन विकल्प है।
लाडली बहना योजना की अगली किस्त कब मिलेगी?
अब बात करें लाडली बहना योजना की अगली किस्त की, तो इस महीने की 1500 रुपये की दसवीं किस्त अक्षय तृतीया यानी 30 अप्रैल को आने की उम्मीद है। हालांकि कुछ महिलाएं शिकायत कर रही हैं कि उन्हें अप्रैल की किस्त नहीं मिली, इसके पीछे कुछ तकनीकी कारण हो सकते हैं। लेकिन सरकार ने भरोसा दिलाया है कि सभी पात्र महिलाओं के खाते में पैसा जरूर पहुंचेगा।
क्यों है ये योजना खास?
पिंक ई-रिक्शा योजना इसलिए खास है क्योंकि ये महिलाओं को सिर्फ पैसा नहीं देती, बल्कि उन्हें कुछ करने का मौका देती है। घर से बाहर निकलकर खुद के लिए खड़ा होने का हौसला देती है। जो महिलाएं पहले सिर्फ घर के काम तक सीमित थीं, अब वो अपना वाहन चलाकर पैसा कमा सकती हैं, समाज में एक नई पहचान बना सकती हैं।
महाराष्ट्र सरकार की यह पहल वाकई काबिल-ए-तारीफ है। जहां एक तरफ सरकार हर महीने महिलाओं को आर्थिक मदद देती रही है, वहीं अब उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक मजबूत कदम भी उठाया गया है। पिंक ई-रिक्शा योजना न सिर्फ रोज़गार का एक साधन है, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास, सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा एक नया अध्याय भी है।
तो अगर आप भी इस योजना की पात्र हैं, तो आगे आकर इसका लाभ उठाइए और अपने भविष्य को नई दिशा दीजिए।