Cibil Score New Update : अगर आप भी कभी लोन के लिए अप्लाई करने की सोच रहे हैं या फिर पहले ही किसी क्रेडिट कार्ड या लोन से जुड़े हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत काम की है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर को लेकर कुछ ज़बरदस्त और नए नियम बनाए हैं जो 1 जनवरी से लागू हो चुके हैं। इन नियमों का मकसद है ग्राहकों को ज्यादा पारदर्शिता देना और कंपनियों की जवाबदेही तय करना।
तो चलिए जानते हैं आसान भाषा में कि क्या हैं ये नए नियम और कैसे ये आपके फाइनेंशियल लाइफ को आसान बना सकते हैं :
हर 15 दिन में सिबिल स्कोर होगा अपडेट
अब आपका क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा। मतलब ये कि अगर आपने कोई पेमेंट किया है या लोन चुकाया है, तो उसका असर आपके स्कोर पर जल्दी दिखेगा। पहले महीने में एक बार अपडेट होता था, अब आपको रिजल्ट तेजी से देखने को मिलेगा।
स्कोर चेक किया? आपको तुरंत मिलेगा नोटिफिकेशन
अब अगर कोई भी बैंक, एनबीएफसी या क्रेडिट कंपनी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करती है, तो आपको इसकी जानकारी देनी होगी। ये अलर्ट SMS या ईमेल के ज़रिए मिलेगा। यानी आपकी जानकारी के बिना कोई आपकी रिपोर्ट नहीं देख सकता।
अगर लोन रिजेक्ट हुआ तो वजह बताना ज़रूरी
कभी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया और रिजेक्ट हो गया? अब कंपनियों को बताना होगा कि आपकी रिक्वेस्ट क्यों रिजेक्ट हुई। सिर्फ “नहीं मिला” कहकर नहीं छोड़ा जाएगा – आपको पूरा कारण बताया जाएगा।
साल में एक बार मुफ्त मिलेगी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट
RBI ने साफ कहा है कि हर कंज़्यूमर को साल में एक बार फुल क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में दी जानी चाहिए। इसके लिए कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर एक सीधा लिंक देना होगा, ताकि ग्राहक आसानी से इसे देख सकें।
डिफॉल्ट करने से पहले अलर्ट देना होगा
अगर आप किसी EMI या भुगतान में लेट होने वाले हैं, तो कंपनी को आपको पहले ही सूचित करना होगा। यानी अचानक डिफॉल्टर घोषित कर देना अब नहीं चलेगा।
शिकायत का समाधान – 30 दिन में पक्का
अब कोई भी शिकायत 30 दिनों के अंदर सॉल्व करनी होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कंपनी को हर दिन ₹100 का फाइन भरना होगा। खास बात ये है कि लोन देने वाली संस्था को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का टाइम मिलेगा शिकायत सुलझाने के लिए।
क्या फायदा होगा आपको?
इन सारे नियमों का फायदा ये है कि अब आपको अपनी फाइनेंशियल प्रोफाइल पर ज़्यादा कंट्रोल मिलेगा। आपकी क्रेडिट हेल्थ को कोई छिपा नहीं सकेगा और कोई भी फैसला ट्रांसपेरेंट तरीके से लिया जाएगा। सिबिल स्कोर अब पहले से ज़्यादा आपके हाथ में होगा।