EPFO Minimum Pension : पिछले कुछ समय से EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़ी एक बड़ी खबर चर्चा में है। खबर ये है कि मई 2025 से न्यूनतम पेंशन ₹7500 प्रति माह की जा सकती है।
अगर ऐसा होता है तो ये फैसला लाखों पेंशनधारकों के लिए राहत की सांस जैसा होगा। फिलहाल सबकी नजरें सरकार की अगली घोषणा पर टिकी हैं।
EPS-95 स्कीम क्या है और क्यों है चर्चा में?
EPFO की पेंशन योजना, जिसे EPS-95 कहा जाता है, 1995 में शुरू हुई थी। इसका मकसद था रिटायर हुए कर्मचारियों को आर्थिक सहारा देना। ये योजना कर्मचारियों और नियोक्ताओं के संयुक्त योगदान पर आधारित होती है। अभी की बात करें तो EPS के तहत न्यूनतम पेंशन मात्र ₹1000 है — और यही सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।
₹7500 की मांग क्यों उठ रही है?
आज के समय में महंगाई आसमान छू रही है। बिजली का बिल, दवाइयां, राशन, किराया — सब कुछ महंगा हो गया है। ऐसे में ₹1000 या ₹1500 की पेंशन में गुज़ारा करना बेहद मुश्किल है।
यही वजह है कि देशभर की कर्मचारी यूनियनें और रिटायर्ड लोग लगातार न्यूनतम पेंशन को ₹7500 करने की मांग कर रहे हैं।
क्या मई 2025 से लागू होगी नई पेंशन?
सरकार की ओर से अभी तक कोई अधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन खबरें आ रही हैं कि श्रम मंत्रालय और EPFO इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा, तो मई 2025 से ये फैसला लागू हो सकता है।
संभावित बदलाव कुछ इस तरह हो सकते हैं:
प्रस्ताव | विवरण |
न्यूनतम पेंशन | ₹7500 प्रति माह |
परिवार पेंशन | अलग से तय की जाएगी |
महंगाई भत्ता | संभवतः जोड़ा जाएगा |
लागू होने की तारीख | मई 2025 (संभावित) |
कौन लोग होंगे इस फैसले से लाभान्वित?
ये फायदा उन सभी पेंशनधारकों को मिलेगा जो EPS-95 स्कीम के तहत आते हैं, जैसे:
- जिनका EPF और EPS खाता सक्रिय रहा हो
- जिन्होंने संगठित क्षेत्र में 10 साल या उससे अधिक काम किया हो
- जो 58 साल की उम्र के बाद रिटायर हुए हों
रामलाल जी की कहानी – पेंशन बढ़े तो ज़िंदगी सुधरे
रामलाल जी उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर से हैं। 30 साल फैक्ट्री में काम करने के बाद अब उन्हें सिर्फ ₹1200 की पेंशन मिलती है। दवाइयों और रोज़मर्रा के खर्चों के लिए वो बच्चों पर निर्भर हैं। अगर ₹7500 की पेंशन मिलती है, तो ना सिर्फ उनका सम्मान लौटेगा, बल्कि आत्मनिर्भरता भी आएगी।
अगर लागू हुआ फैसला तो क्या होंगे फायदे?
पेंशनर्स के लिए:
- बेहतर जीवन स्तर
- दवाइयों और किराए जैसे खर्चों में राहत
- परिवार पर बोझ कम
सरकार और समाज के लिए:
- बुजुर्गों को सम्मान मिलेगा
- सामाजिक असंतुलन कम होगा
- वोटर्स का भरोसा मजबूत होगा
क्या करें आम लोग?
- EPFO की वेबसाइट और श्रम मंत्रालय की घोषणाओं पर नज़र रखें
- पेंशन फॉर्म, KYC वगैरह समय पर अपडेट करें
- किसी यूनियन से जुड़े रहें ताकि ताज़ा जानकारी मिलती रहे
अंत में बात साफ है:
अगर ₹7500 की न्यूनतम पेंशन लागू होती है तो ये सिर्फ पैसे का मसला नहीं होगा, ये बुजुर्गों को उनका हक और इज़्ज़त लौटाने जैसा होगा।