Home Loan EMI – आजकल घर खरीदने के लिए ज़्यादातर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन कभी-कभी आर्थिक हालत ऐसी हो जाती है कि ईएमआई भरना मुश्किल हो जाता है। जब लगातार किस्तें मिस होने लगती हैं, तो यह स्थिति होम लोन डिफॉल्ट कहलाती है। ऐसे में बैंक भी सख्ती दिखाने लगता है और लोनधारक पर तरह-तरह की कार्रवाई हो सकती है। अगर आप इस स्थिति से गुजर रहे हैं या भविष्य में इससे बचना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए काफी काम की हो सकती है।
लोन लेने से पहले पूरी जानकारी लें
जब भी आप होम लोन लेने का मन बनाएं, तो सबसे पहले उसकी ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, पेनल्टी चार्ज और बाकी नियमों को ठीक से समझ लें। बैंक आपको लोन एग्रीमेंट देता है, जिसमें सभी शर्तें लिखी होती हैं। इन शर्तों को नजरअंदाज न करें। कई बार लोन लेते समय हम जल्दबाजी में कागज़ों पर साइन कर देते हैं और बाद में जब नियमों की सच्चाई सामने आती है तो परेशानी होती है। इसलिए पहले से पूरी जानकारी लेना ही समझदारी है।
अगर लोन डिफॉल्ट हो जाए तो बैंक से छिपाएं नहीं
अगर किसी वजह से आपकी ईएमआई समय पर नहीं भर पा रहे हैं, तो सबसे पहले बैंक से संपर्क करें। उन्हें अपने हालात साफ-साफ बताएं। छुपाने या टालने से स्थिति और बिगड़ सकती है। बैंक से बात करें और समझाएं कि क्यों आप किस्तें नहीं भर पा रहे हैं और कब तक आप फिर से नियमित भुगतान शुरू कर सकते हैं। बैंक इस स्थिति को समझता है और कई बार लोन रीस्ट्रक्चरिंग या नई रीपेमेंट स्कीम की सुविधा भी देता है।
लोन रीस्ट्रक्चरिंग का विकल्प
अगर बैंक को लगता है कि आपकी स्थिति वाकई गंभीर है लेकिन आप ईमानदार हैं और लोन चुकाना चाहते हैं, तो वह आपके लोन को रीस्ट्रक्चर कर सकता है। इसका मतलब है कि लोन की शर्तों को थोड़ा आसान कर दिया जाता है। जैसे ईएमआई कम कर दी जाती है या लोन की अवधि बढ़ा दी जाती है। इससे आपकी मासिक आर्थिक बोझ थोड़ी कम हो सकती है और आप दोबारा पटरी पर आ सकते हैं।
रीफाइनेंसिंग भी हो सकती है मददगार
अगर मौजूदा बैंक से बात नहीं बनती, तो आप किसी दूसरे बैंक या वित्तीय संस्था से संपर्क कर सकते हैं और लोन ट्रांसफर या रीफाइनेंसिंग का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें नया बैंक पुराना लोन चुका देता है और आपको नए नियमों के साथ नया लोन मिल जाता है। अगर नए बैंक की ब्याज दर कम है या शर्तें बेहतर हैं, तो यह विकल्प राहत दे सकता है। हालांकि, इसमें भी प्रोसेसिंग फीस और कुछ अतिरिक्त खर्च हो सकते हैं, जिन्हें पहले ही समझ लेना जरूरी है।
घर बेचने का भी सोच सकते हैं
अगर आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा खराब है और लोन चुकाने का कोई तरीका नहीं सूझ रहा, तो आप अपने घर को बेचने पर भी विचार कर सकते हैं। यह फैसला कठिन हो सकता है, लेकिन कई बार यह आखिरी और सही विकल्प बन जाता है। घर बेचने से मिलने वाले पैसे से आप लोन चुका सकते हैं और बची हुई रकम से नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू पता करनी होगी और सोच-समझकर फैसला लेना होगा।
लोन डिफॉल्ट से जुड़ी कुछ और जरूरी बातें
- लोन डिफॉल्ट का असर आपकी क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
- बैंक आपकी प्रॉपर्टी को नीलाम भी कर सकता है अगर लोन चुकता नहीं होता।
- कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए समय पर समाधान निकालना जरूरी है।
- अगर आप विदेश में रहते हैं और भारत में लोन लिया है, तो भी डिफॉल्ट की स्थिति में बैंक आप पर कार्रवाई कर सकता है।
होम लोन लेना बड़ी जिम्मेदारी है और डिफॉल्ट की स्थिति मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से परेशान कर सकती है। लेकिन अगर समय रहते सही कदम उठाए जाएं और बैंक के साथ ईमानदारी से बात की जाए, तो इसका समाधान निकाला जा सकता है। सबसे जरूरी है कि आप इस स्थिति से डरें नहीं, बल्कि ठंडे दिमाग से समझदारी भरा फैसला लें।