Land Registration Rule : छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत देने वाला कदम उठाया है। अब जमीन, मकान, दुकान या फ्लैट की रजिस्ट्री होते ही उसी वक्त नामांतरण (mutation) भी खुद-ब-खुद हो जाएगा। यानी अब तहसील दफ्तर के चक्कर काटने, फॉर्म भरने और अधिकारियों की चापलूसी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सरकार ने इसे एक ऐतिहासिक सुधार बताया है, और ये नियम अब पूरे प्रदेश में लागू हो चुका है। जैसे ही संपत्ति की रजिस्ट्री होती है, उसी वक्त सब रजिस्ट्रार अब नामांतरण भी कर देंगे। इस बदलाव के चलते प्रदेश में पारदर्शिता बढ़ेगी, भ्रष्टाचार कम होगा और लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा।
अभी तक क्या होता था? रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए तहसील जाना पड़ता था। वहां या तो किसी एजेंट की मदद लेनी पड़ती थी या खुद कई-कई बार चक्कर लगाने पड़ते थे। और काम तभी होता था जब जेब ढीली की जाती थी। आमतौर पर 10 से 15 हजार रुपये तो बिना किसी विवाद के लिए देने पड़ते थे, और अगर जमीन में कोई झगड़ा हो, तो ये रकम लाखों तक पहुंच जाती थी।
सरकार का कहना है कि इस सुधार से राज्य में हजारों करोड़ के अवैध लेन-देन पर भी लगाम लगेगी। रिश्वतखोरी पर भी चोट होगी। रायपुर का एक चर्चित मामला भी इस फैसले के पीछे की वजह बना।
वहां एक पुराने मालिक ने नामांतरण की प्रक्रिया में देरी का फायदा उठाकर अपनी जमीन दो बार बेच दी थी। इससे खरीदार को भारी नुकसान झेलना पड़ा। अब रजिस्ट्री के साथ ही नाम दर्ज हो जाने से इस तरह के फर्जीवाड़े थमेंगे।
सभी तरह की संपत्तियों पर ये नियम लागू होगा – चाहे वो मकान हो, प्लॉट, दुकान या फ्लैट। एक ही अधिकारी रजिस्ट्री और नामांतरण दोनों करेगा। इससे सिस्टम में जवाबदेही भी बढ़ेगी।
हालांकि इस फैसले से तहसीलदार वर्ग नाराज है। उनका कहना है कि पहले वे ही नामांतरण से जुड़े विवादों का निपटारा करते थे, जैसे सीमांकन या बटवारा।
अब अगर सब रजिस्ट्रार को ही ये अधिकार मिल गया तो विवादित मामलों को कौन देखेगा? इसको लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है और शायद आगे सरकार इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करे।
सरकार ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में इस नए सिस्टम को और बेहतर बनाया जाएगा। डिजिटल ट्रैकिंग से हर रजिस्ट्री और नामांतरण की निगरानी होगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही विवादित संपत्तियों के लिए अलग प्रक्रिया तय की जा सकती है।
लोगों को इस नई व्यवस्था से क्या फायदा होगा?
- कोई दौड़-धूप नहीं, एक ही जगह पर रजिस्ट्री और नामांतरण
- रिश्वत से राहत
- धोखाधड़ी पर रोक
- समय और पैसे की बचत
- सरकारी सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा
छत्तीसगढ़ में ये सुधार लोगों की जिंदगी को थोड़ा आसान बनाने वाला है। अब देखना ये है कि ये सिस्टम जमीनी हकीकत में कितना असर दिखाता है।