RBI : अगर आप या आपके घर में कोई बैंकिंग करता है, तो 22 अप्रैल की तारीख याद रखिए। RBI और सरकार ने मिलकर कुछ ऐसे नए बदलाव लागू किए हैं जो देश के करोड़ों लोगों की जिंदगी आसान बना देंगे।
अब वो लोग भी FD खोल पाएंगे, पैसे निकाल सकेंगे और नेट बैंकिंग कर सकेंगे जो पहले इन सब चीज़ों से दूर थे – जैसे कि बुजुर्ग, गांव में रहने वाले लोग, दिव्यांग और वो लोग जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है।
बैंकिंग अब हर किसी के लिए – जानिए क्या बदला है?
पहले FD के लिए बैंक जाना पड़ता था, लंबा फॉर्म भरना पड़ता था और कई दस्तावेज़ लगते थे। लेकिन अब सिर्फ आधार और मोबाइल OTP से आप घर बैठे FD खोल सकते हैं। यही नहीं, ATM कार्ड को भी घर बैठे एक्टिव किया जा सकता है – बस एक SMS या नेट बैंकिंग से।
अब नेट बैंकिंग के लिए स्मार्टफोन होना भी जरूरी नहीं। बैंक ने USSD और SMS बैंकिंग शुरू की है जिससे एक बेसिक मोबाइल फोन से भी बैलेंस चेक, पैसे ट्रांसफर जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
ग्रामीण इलाकों और दिव्यांगों के लिए बड़ी राहत
अब गांवों में मोबाइल बैंकिंग वैन भेजी जाएंगी जो वहां ATM, FD, अकाउंट ओपनिंग जैसी सुविधाएं देगी। वहीं, शहरों में बड़े बैंकों में अब दिव्यांगों के लिए स्पेशल हेल्प डेस्क होंगे, जहां उन्हें किसी की मदद के बिना सारी सेवाएं मिल सकेंगी।
छोटे निवेशक भी कर पाएंगे FD
पहले FD कम से कम ₹5000 या ₹10,000 से शुरू होती थी, लेकिन अब कई बैंकों ने इसे घटाकर ₹500 कर दिया है। इसका मतलब है कि अब छोटा किसान, मजदूर या गृहिणी भी ₹500 में FD कर सकता है और उस पर ब्याज पा सकता है।
बिना कार्ड के भी निकलेगा पैसा
ATM से पैसे निकालने के लिए अब कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। कुछ बैंकों ने QR कोड स्कैन करके कैश निकालने की सुविधा शुरू की है। यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो कार्ड या PIN याद नहीं रख पाते, जैसे बुजुर्ग।
नेट बैंकिंग अब हर फोन में
जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, वे अब SMS से नेट बैंकिंग कर सकते हैं। बस बैंक का कोड और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर चाहिए। जैसे बिहार की सीता देवी अब सिर्फ मैसेज भेजकर अपना बैलेंस चेक कर सकती हैं – पहले ये सिर्फ शहरों के लोग कर पाते थे।
रियल लाइफ कहानियां – कैसे बदली जिंदगी
- सीता देवी (बिहार) – 60 साल की महिला ने पहली बार ₹1000 से FD खोली, उन्हें बैंक अफसर ने फोन पर पूरी प्रक्रिया समझाई।
- रामलाल (मध्यप्रदेश) – मजदूर हैं, गांव में बैंकिंग वैन आई और उन्होंने पहली बार ATM से पैसा निकाला।
- श्रीकांत (उत्तराखंड) – दिव्यांग हैं, अब बैंक में उनके लिए खास काउंटर है जिससे उन्हें लाइन में नहीं लगना पड़ता।