8th Pay Commission : अगर आप भी उन लाखों सरकारी कर्मचारियों में से एक हैं जो 2026 में 8वें वेतन आयोग से बड़ी सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे, तो यह खबर थोड़ा झटका दे सकती है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल 2027 तक वेतन ढांचे में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने वाला है।
8वां वेतन आयोग क्यों जरूरी माना जा रहा था?
7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था और अब तक का ट्रेंड देखें तो हर 10 साल में नया वेतन आयोग आता है। इसी वजह से कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 2026 तक 8वां वेतन आयोग लागू होगा, जिससे उनकी सैलरी, भत्तों और पेंशन में सुधार होगा।
सरकार का रुख क्या है?
हाल ही में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी सरकार की कोई योजना नहीं है 8वां वेतन आयोग लाने की। इसके पीछे कुछ कारण बताए गए हैं:
- देश की आर्थिक स्थिति पर दबाव
- DA यानी महंगाई भत्ते के जरिए हर 6 महीने सैलरी में थोड़ी बढ़ोतरी
- एक नया सिस्टम बनाने की कोशिश, जिससे बार-बार वेतन आयोग की जरूरत ही न पड़े
अब क्या होगा सरकारी कर्मचारियों का?
इसका सीधा मतलब है कि जिन लोगों को 2026-27 तक सैलरी में बड़ा उछाल मिलने की उम्मीद थी, उन्हें अब और इंतजार करना पड़ेगा।
DA में मामूली बढ़ोतरी तो मिलती रहेगी, लेकिन बेसिक पे, ग्रेड पे और नए भत्तों की बात फिलहाल टल गई है।
क्या DA ही बन गया है नया वेतन आयोग?
सरकार अब CPI (Consumer Price Index) के आधार पर हर 6 महीने DA बढ़ा रही है। अभी यह 50% के पार जा चुका है। लेकिन इसमें भी एक दिक्कत है —
- DA बढ़ता है, लेकिन बेसिक पे वही रहता है
- ग्रेड पे, प्रमोशन और नए भत्तों की सुविधा नहीं मिलती
- महंगाई के साथ सैलरी नहीं चल पा रही है
कर्मचारियों का दर्द
पटना के एक शिक्षक रमेश कुमार कहते हैं,
“हम सोच रहे थे कि 2026 तक 8वां वेतन आयोग आएगा और रिटायरमेंट से पहले कुछ अच्छा मिलेगा। अब लग रहा है कि वही पुराना ढांचा बना रहेगा।”
लखनऊ की सीमा सिंह बताती हैं,
“DA सिर्फ राशन का खर्च निकाल पाता है। बाकी खर्चों में तो हर महीने जूझना पड़ता है।”
क्या कोई समाधान है?
सरकार एक ऑटोमेटिक सैलरी रिवीजन सिस्टम लाने की सोच रही है जिसमें हर साल सैलरी महंगाई के हिसाब से एडजस्ट हो। ये सिस्टम अगर लागू होता है, तो Pay Commission की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन इसके लिए पूरी व्यवस्था बदलनी होगी।
अब क्या करें सरकारी कर्मचारी?
जब तक नई व्यवस्था नहीं आती, तब तक DA और सालाना इनक्रीमेंट से ही संतोष करना होगा। साथ ही खुद की फाइनेंशियल प्लानिंग पर ध्यान देना जरूरी है:
- SIP या म्यूचुअल फंड्स में निवेश करें
- बच्चों की पढ़ाई और रिटायरमेंट के लिए सेविंग शुरू करें
- टर्म और हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लें
आर्थिक स्थिरता अब खुद की प्लानिंग से ही आ सकती है, किसी आयोग का इंतजार करते रहना सही नहीं होगा।