अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। EPF न सिर्फ आपकी सैलरी का हिस्सा बचाकर सुरक्षित करता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को भी मजबूत बनाता है। सरकार इस फंड पर फिलहाल 8.1% का ब्याज देती है, जो इसे बाकी सेविंग्स से काफी बेहतर बना देता है।
EPF क्यों है जरूरी?
EPF अकाउंट एक तरह से आपकी कमाई का वो हिस्सा है जो धीरे-धीरे बड़ी रकम में बदल जाता है। यहां जमा होने वाली राशि पर जो ब्याज मिलता है, वो टैक्स फ्री होता है।
यानी न सिर्फ सेविंग्स बढ़ती है, बल्कि टैक्स में भी राहत मिलती है। साथ ही, रिटायरमेंट के बाद EPF के जरिए पेंशन भी मिलती है, जो आपकी रेगुलर इनकम को बनाए रखने में मदद करती है।
25 हजार की सैलरी से 2 करोड़ तक का फंड!
अब आप सोच रहे होंगे कि 25 हजार की सैलरी से इतना बड़ा फंड कैसे बनेगा? मान लीजिए आपने 25 साल की उम्र में जॉब शुरू की और हर साल आपकी सैलरी 5% बढ़ती है, तो 60 की उम्र तक आप लगभग 1.95 करोड़ रुपये तक का EPF फंड बना सकते हैं। ये आंकड़ा हैरान करने वाला जरूर है, लेकिन चक्रवृद्धि ब्याज की ताकत को समझेंगे तो यह मुमकिन लगता है।
30 की उम्र में शुरू किया तो क्या होगा?
अगर आपने 30 साल की उम्र में EPF में निवेश शुरू किया और हर साल 7% सैलरी इन्क्रीमेंट मिला, तब भी 60 की उम्र तक आपके पास करीब 1.56 करोड़ रुपये का फंड हो सकता है। तो जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, उतना फायदा मिलेगा।
हर महीने कैसे जमा होता है पैसा?
EPF में आपका और आपके नियोक्ता दोनों का 12% योगदान होता है, यानी कुल मिलाकर आपकी बेसिक सैलरी का 24% जमा होता है। इस पर मिलने वाला ब्याज धीरे-धीरे आपके पैसे को बड़ा बनाता है। यही वजह है कि EPF में रेगुलर योगदान बहुत जरूरी है।
बीच में पैसों की जरूरत हो तो भी काम आएगा EPF
अगर कभी अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए – जैसे घर खरीदना हो, शादी हो, बच्चों की पढ़ाई या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी – तब EPF अकाउंट से आंशिक निकासी भी की जा सकती है। 2 महीने से ज्यादा बेरोजगार रहने पर भी आप कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं।
टैक्स सेविंग भी जबरदस्त
EPF में इन्वेस्ट करने पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इतना ही नहीं, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री होता है – बशर्ते आप 5 साल से ज्यादा समय तक कंट्रीब्यूशन करते रहें।
EPF यानी बिना रिस्क के सेविंग प्लान
EPFO का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यह सरकार द्वारा रेगुलेटेड है। यानी इसमें किसी भी तरह का मार्केट रिस्क नहीं होता। तो चाहे आपकी सैलरी ज्यादा हो या कम, EPF आपको एक सुरक्षित और मजबूत रिटायरमेंट प्लान जरूर देता है।
अगर आप अब तक EPF को सिर्फ कटने वाला पैसा मानते थे, तो अब सोच बदलने का वक्त है। कम सैलरी में भी बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है, बस जरूरत है शुरुआत करने और नियमित योगदान की।