EPFO Pension Scheme – आजकल महंगाई की वजह से रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को लेकर हर किसी के मन में चिंता रहती है, खासकर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए। नौकरी के दौरान तो महीने की सैलरी से खर्च चल जाता है, लेकिन रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी ना हो तो जिंदगी मुश्किल हो जाती है। इसी समस्या को समझते हुए EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एक नई स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी रिटायरमेंट के बाद हर महीने करीब नौ हजार रुपये तक पेंशन पा सकते हैं। आइए समझते हैं कैसे।
क्या है EPFO की नई पेंशन स्कीम
EPFO ने अपनी पुरानी पेंशन योजना EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना को थोड़ा अपडेट किया है। इसके तहत जो भी कर्मचारी EPFO के सदस्य हैं, वे रिटायरमेंट के बाद हर महीने फिक्स्ड पेंशन का लाभ ले सकते हैं। इस स्कीम में तय नियमों के अनुसार योगदान करने पर रिटायरमेंट के बाद हर महीने लगभग नौ हजार रुपये तक पेंशन मिल सकती है। पेंशन की शुरुआत तब होगी जब कर्मचारी 58 साल की उम्र पूरी कर लेगा।
इस स्कीम के खास फायदे
सबसे बड़ी बात यह है कि रिटायरमेंट के बाद भी आपको हर महीने एक निश्चित आमदनी मिलती रहेगी। इसके अलावा अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को भी पेंशन का लाभ मिलता है। चूंकि यह योजना सरकार के अधीन है, इसलिए पैसे का रिस्क बहुत कम है। साथ ही इस योजना के तहत योगदान और पेंशन पर टैक्स छूट का भी फायदा मिल सकता है। यानी टैक्स बचत के साथ भविष्य की सुरक्षा भी तय है।
कैसे करें इस योजना में आवेदन
अगर आप भी इस शानदार स्कीम का फायदा उठाना चाहते हैं तो प्रक्रिया काफी आसान है। सबसे पहले EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वहां अपना UAN यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर डालकर लॉगिन करें। लॉगिन करने के बाद पेंशन स्कीम वाले सेक्शन में जाएं। अब आपको कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट की डिटेल्स अपलोड करनी होंगी। इसके बाद एक फॉर्म भरकर अपना योगदान बढ़ाने की रिक्वेस्ट सबमिट करें। कुछ ही दिनों में आपका आवेदन प्रोसेस हो जाएगा और नया पेंशन योगदान चालू हो जाएगा।
कौन ले सकता है इस योजना का फायदा
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। सबसे पहले तो आपकी उम्र अठारह साल से कम और अट्ठावन साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा आपको EPFO का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। कम से कम दस साल तक EPFO में योगदान देना अनिवार्य है। साथ ही आप प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे हों, यह भी जरूरी शर्त है।
कितना करना होगा योगदान
आपके योगदान की राशि आपकी बेसिक सैलरी और उम्र पर निर्भर करेगी। आमतौर पर आपकी बेसिक सैलरी का बारह प्रतिशत हिस्सा EPF में जमा होता है, जिसमें से एक तय हिस्सा EPS यानी पेंशन फंड में जाता है। अगर आप चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन मिले, तो आप वॉलंटरी बेसिस पर अतिरिक्त योगदान भी कर सकते हैं।
एक उदाहरण से समझते हैं
मान लीजिए राम कुमार नाम के एक कर्मचारी ने बीस साल तक एक निजी कंपनी में काम किया। उन्होंने समय रहते अपने EPS योगदान को बढ़ाया। आज रिटायरमेंट के बाद राम कुमार को हर महीने नौ हजार रुपये पेंशन मिल रही है, जिससे उनका घर का खर्च और दवाइयों का खर्च आराम से निकल रहा है। राम कुमार बताते हैं कि अगर उन्होंने पहले यह फैसला न लिया होता तो शायद आज उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता।
इसी तरह सुनीता शर्मा, जो एक स्कूल में शिक्षिका थीं, उन्होंने भी इस योजना में समय रहते हिस्सा लिया। आज वे भी हर महीने नौ हजार रुपये से ज्यादा पेंशन पा रही हैं और अपने बच्चों की पढ़ाई में सहयोग कर पा रही हैं।
अपना अनुभव भी जानिए
मेरे कुछ दोस्त जो प्राइवेट कंपनियों में काम कर रहे थे, उन्हें रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को लेकर काफी फिक्र रहती थी। जब मैंने उन्हें EPFO की इस नई योजना के बारे में बताया, तो उन्होंने इसमें दिलचस्पी दिखाई और आवेदन किया। आज वे निश्चिंत हैं कि बुढ़ापे में भी हर महीने एक तय आमदनी उनके खाते में आएगी।
अगर आप भी चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपकी जिंदगी आर्थिक रूप से सुरक्षित रहे तो EPFO की इस नई पेंशन योजना को जरूर अपनाएं। आज उठाया गया एक सही कदम आपके आने वाले कल को बेफिक्र और खुशहाल बना सकता है। समय पर सही निर्णय लेना ही भविष्य में बड़ी खुशियों की गारंटी है।