EPS Pension Hike : अगर आप या आपके घर में कोई बुजुर्ग EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) के तहत पेंशन पा रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत की सांस जैसी है। सरकार न्यूनतम पेंशन ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 करने की तैयारी में है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो लाखों पेंशनभोगियों की जिंदगी में वाकई बड़ा बदलाव आएगा।
EPS क्या है?
EPS यानी Employee Pension Scheme, जिसे EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) चलाता है। यह स्कीम उन लोगों के लिए है जो निजी कंपनियों में काम करते हैं और जिनकी सैलरी से PF कटता है। EPS में PF का एक हिस्सा पेंशन फंड में जाता है, और 58 साल की उम्र के बाद इसका लाभ मिलता है।
- स्कीम की शुरुआत 1995 में हुई थी।
- वर्तमान में न्यूनतम पेंशन सिर्फ ₹1,000 प्रति माह है।
- यह राशि महंगाई और जरूरतों के हिसाब से बहुत कम है।
क्यों बढ़ाई जा रही है पेंशन?
सरकार को यह एहसास हुआ कि आज के समय में ₹1,000 की पेंशन से गुजारा नहीं हो सकता। खासकर तब, जब दवा, इलाज और बाकी ज़रूरतें रोज़ाना महंगी हो रही हैं। इसी वजह से संसद की स्थायी समिति ने श्रम मंत्रालय को सुझाव दिया कि पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ाया जाए।
कितना फायदा होगा?
नीचे दी गई तालिका से समझिए:
मौजूदा पेंशन | प्रस्तावित पेंशन | सीधा फायदा |
₹1,000 | ₹7,500 | ₹6,500 |
₹1,500 | ₹7,500 | ₹6,000 |
₹3,000 | ₹7,500 | ₹4,500 |
₹4,000 | ₹7,500 | ₹3,500 |
यानी जिन लोगों को आज नाम मात्र की पेंशन मिल रही है, उनकी ज़िंदगी में एकदम से बड़ा बदलाव आ सकता है।
किसे मिलेगा फायदा?
- वो सभी पेंशनधारी जो EPS स्कीम के तहत पेंशन पा रहे हैं।
- जिनकी सेवा अवधि कम रही है और पेंशन अमाउंट बहुत कम है।
- जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है और कोई अन्य आय का स्रोत नहीं है।
असली जिंदगी से उदाहरण
रामलाल शर्मा, जो जयपुर के एक निजी स्कूल में चपरासी थे, उन्हें रिटायरमेंट के बाद सिर्फ ₹1,200 पेंशन मिल रही थी। दवा और राशन का खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा था। अगर उन्हें ₹7,500 मिलते हैं, तो न सिर्फ उनका खर्च आसानी से चलेगा, बल्कि उन्हें किसी पर निर्भर भी नहीं रहना पड़ेगा।
क्या यह फैसला पक्का है?
फिलहाल सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है। संसद की समिति ने सिफारिश की है, लेकिन अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द इस पर फैसला लेगी।
इससे क्या बदलेगा?
- बुजुर्ग आत्मनिर्भर होंगे
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी
- आर्थिक सुरक्षा और सम्मान दोनों मिलेगा
- सरकारी योजनाओं का सही लाभ ले पाएंगे
यह सिर्फ एक स्कीम नहीं, लाखों बुजुर्गों के लिए सम्मान की बात है। जिन्होंने पूरी ज़िंदगी काम किया, देश को आगे बढ़ाया, उनके बुढ़ापे में आराम और आत्मसम्मान मिलना ही चाहिए। अगर सरकार इस फैसले पर मुहर लगाती है, तो ये वाकई एक ऐतिहासिक कदम होगा।