PM Kisan Update – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना यानी पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त का इंतजार अब खत्म होने वाला है क्योंकि सरकार जून 2025 में इसे जारी कर सकती है। हर बार की तरह इस बार भी करीब 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 2000 रुपये सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे। ये राशि हर चार महीने में एक बार दी जाती है ताकि किसानों को खेती-बाड़ी और दैनिक खर्चों में कुछ आर्थिक सहारा मिल सके।
अब तक कितनी किस्तें मिल चुकी हैं
इस योजना की शुरुआत साल 2019 में हुई थी और तब से अब तक 17 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। 18वीं किस्त के लिए अप्रैल 2025 तक का इंतजार रहा और अब जून में 20वीं किस्त आने वाली है। इससे पहले 19वीं किस्त भी तय समय पर जारी की गई थी जिससे किसानों को खेती के सीजन में कुछ राहत मिल सकी थी।
राशि बढ़कर 8000 रुपये हो सकती है
हाल ही में ऐसी चर्चाएं तेज हो गई हैं कि सरकार इस योजना की राशि 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये सालाना कर सकती है। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के अनुसार इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। अगर यह फैसला होता है तो यह किसानों के लिए बड़ी राहत साबित होगा क्योंकि खेती के बढ़ते खर्चों को देखते हुए मौजूदा 6000 रुपये पर्याप्त नहीं हैं।
राजस्थान में पहले ही मिल रहे हैं 8000 रुपये
राजस्थान सरकार ने तो इस दिशा में पहले ही बड़ा कदम उठा लिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के किसानों को अन्नदाता उत्थान संकल्प योजना के तहत 2000 रुपये अतिरिक्त देने की घोषणा की थी। इससे अब राजस्थान के किसानों को 8000 रुपये सालाना मिल रहे हैं जिनमें से 6000 रुपये केंद्र सरकार और 2000 रुपये राज्य सरकार देती है।
अगर केंद्र सरकार भी राशि बढ़ा दे तो क्या होगा
अगर केंद्र सरकार वाकई में पीएम किसान योजना की राशि 8000 रुपये सालाना कर देती है तो राजस्थान के किसानों को कुल 10000 रुपये मिलने लगेंगे। ऐसे में बाकी राज्यों के किसानों की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी और दूसरे राज्य भी इसी तरह का फैसला ले सकते हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।
पात्रता और जरूरी दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास खेती योग्य भूमि होनी चाहिए। साथ ही वह इनकम टैक्स दाता नहीं होना चाहिए। अगर कोई किसान सरकारी कर्मचारी है या प्रोफेशनल (जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील) है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा भले ही उसके पास खेती योग्य भूमि क्यों न हो। आधार कार्ड, बैंक खाता, मोबाइल नंबर और जमीन के कागजात इस योजना में आवेदन के लिए जरूरी होते हैं।
आवेदन प्रक्रिया और स्टेटस चेक कैसे करें
जो किसान इस योजना में अब तक नहीं जुड़े हैं, वे पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट पर किसान रजिस्ट्रेशन का विकल्प मौजूद है जहां आवश्यक जानकारी और दस्तावेज अपलोड करके आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के बाद लाभार्थी सूची में नाम आ जाने पर ही किस्त जारी की जाती है। किस्त आने के बाद किसान वेबसाइट पर अपना नाम, खाता नंबर और किस्त की स्थिति भी चेक कर सकते हैं।
ई-केवाईसी और आधार सीडिंग जरूरी
सरकार ने इस योजना में ई-केवाईसी और आधार से बैंक खाता लिंक करने को अनिवार्य बना दिया है। अगर ये प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है तो किसान को अगली किस्त नहीं मिलेगी। इसलिए जिन किसानों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराया है उन्हें जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए ताकि उनकी अगली किस्त समय पर उनके खाते में आ सके।
बजट 2025 में हो सकती है घोषणा
सूत्रों के मुताबिक आने वाले बजट 2025 में सरकार इस योजना में राशि बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो सरकारी खजाने पर लगभग 20000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा लेकिन यह बोझ किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने में मददगार होगा। चुनावी माहौल और किसानों की लगातार मांग को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है।
योजना का असर और किसानों की राय
पीएम किसान योजना ने छोटे और सीमांत किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव किया है। इससे उन्हें फसल खरीदने, उर्वरक लेने और अन्य कृषि संबंधी कामों के लिए मदद मिलती है। हालांकि कई किसान और विशेषज्ञ यह मानते हैं कि महंगाई के दौर में 6000 रुपये की राशि बहुत कम है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि योजना का असली मकसद पूरा हो सके।
फसल बीमा और अन्य योजनाओं से जोड़ने की मांग
कई किसान संगठनों ने यह भी मांग की है कि पीएम किसान योजना को फसल बीमा योजना और अन्य कृषि लाभ योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि किसानों को एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी सुविधाएं मिल सकें। इससे उन्हें आवेदन की झंझट नहीं होगी और पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
पीएम किसान योजना किसानों के लिए एक बहुत ही उपयोगी और जरूरी योजना है जो सीधे तौर पर उनके बैंक खातों में आर्थिक सहायता पहुंचाती है। 20वीं किस्त का इंतजार अब खत्म होने वाला है और जून 2025 में इसे जारी किया जा सकता है। साथ ही, अगर सहायता राशि बढ़ाकर 8000 रुपये की जाती है तो यह किसानों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी। अब नजर इस बात पर है कि बजट 2025 में सरकार क्या फैसला लेती है।